डॉ की गैर-मौजूदगी में पुत्र करता है इलाज, डॉ कौन है पुत्र या पिता ? स्वास्थ्य विभाग क्यो दे रहा अभयदान।
घट्टिया/उज्जैन। बिछड़ोद के झोलाछाप डॉ के हौंसले अभी भी बुलंद । बिना रजिस्ट्रेशन है लगातार इलाज जारी । स्वास्थ्य विभाग का नही है डर व धड़ल्ले से कर रहा इलाज। झोलाछाप डॉ रमेशचंद चितोड़िया की अनुपस्थिति में पुत्र ही कर देता है मरीजों का इलाज ।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विगत दिवस झोलाछाप के क्लीनिक पर इलाज करवाने आये मरीज का डॉ की अनुपस्थिति में पुत्र शिवम इलाज कर रहा था ,जिसका विरोध मरीज ने किया था । जिस पर झोलाछाप के पुत्र शिवम ने मरीजों से अभ्रदता की थी,जिसको लेकर बवाल हुआ था।
डॉ की अनुपस्थिति में इलाज पुत्र द्वारा करने पर इस तरह की स्थिति आये दिन बनती है ।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार डॉक्टर चितोड़िया के पास ऐसी कोई वैलिड डिग्री नही है जिससे कि वह मरीज का इलाज कर सके न दवाई का भंडारण कर सके । पता नही स्वास्थ्य विभाग किस दबाव में डॉ पर कार्यवाही न कर पा रहा है। क्लिनिक के बाहर डॉ ने न रजिस्ट्रेशन नंबर,डिग्री न नाम लिख रखा है व अन्दर धड़ल्ले इलाज जारी है।
क्योंकि सरकार का आदेश था बिना रजिस्ट्रेशन कोई भी मरीजों का इलाज नही कर सकता । फिर भी डॉ लगातर इलाज करता आ रहा है व पुत्र साथ मदद कर रहा है ।
अब देखना यह होगा की स्वास्थ्य विभाग क्या करता है ,नही तो इसकी शिकायत सरकार व स्वास्थ्य मंत्री तक जा सकती है।
शासन द्वारा पदस्थ CHO डॉ जावेद आये दिन मुख्यालय से रहता नदारद ,जिससे ग्रामीणो को झोलाछाप का लेना पड़ता है सहारा ।
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