Constitution Day was celebrated in the School of Political Studies: संविधान को केवल पुस्तक न मानते हुए उसे भारत के नागरिकों के आदर्श एवं नैतिक मूल्यो के विकास हैतु महत्वपूर्ण माना- कुलगुरु प्रो अर्पण भारद्वाज।

राजनीति विज्ञान एवं लोक प्रशासन अध्ययनशाला मे संविधान दिवस मनाया गया।

उज्जैन(मयंक गुर्जर)। राजनीति विज्ञान एवं लोक प्रसाशन अध्ययनशाला मे संविधान दिवस के अवसर पर विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया।कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलगुरु प्रो अर्पण भारद्वाज ने की ,व सम्बोधित करते हुए कहा कि संविधान को केवल पुस्तक न मानते हुए उसे भारत के नागरिकों के आदर्श एवं नैतिक मूल्यो के विकास हैतु महत्वपूर्ण माना।
मुख्य वक्ता के रूप मे इकबाल खान गौरी ने संविधान के प्रमुख भाग मौलिक कर्तव्य पर प्रकाश डालते हुए सभी को मौलिक कर्तव्य का पालन करने पर जोर दिया जिससे एक सभ्य समाज की स्थापना की जा सके। डॉ विष्णु खांडेकर ने संविधान के विभिन्न भागो जैसे मौलिक अधिकार मौलिक कर्तव्य पर अपने विचार व्यक्त किये।

तथा संविधान को एक चमत्कार रूप मे देखा। प्रो गोपाल कृष्ण शर्मा की कहा की भारत की विविधता मे एकता मे संविधान की महति भूमिका रही है। कार्यक्रम मे स्वागत भाषण विभागाध्यक्ष डा नलिन सिंह पंवार ने दिया। आभार डा कनिया मेडा ने माना। कार्यक्रम का संचालन डा जीतेन्द्र शर्मा द्वारा किया गया। कार्यक्रम मे विभाग के शिक्षक शोधार्थी विधायार्थी उपस्थित थे।

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