उज्जैन। श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के मुख्य संरक्षक श्री महंत हरि गिरि जी महाराज की प्रेरणा से दातार अखाड़ा नरसिंह घाट पर 11 दिवसीय शतचंडी महारुद्र महायज्ञ के दूसरे दिन यज्ञ में लगातार फेल रहे कोरोना महामारी को ख़त्म करने के लिए यज्ञ में आहुति दी गई।
महाकुंभ 2028 निर्विघ्नम पूर्ण होने सहित कोरोना महामारी के पूर्णतया नाश की कामना और विश्व शांति, मानव कल्याण के लिए मंगलवार को महा यज्ञ में आहुतियां डाली गयी ।कानपुर से आए विद्वत ब्राह्मणजनो के आचार्यत्व मे चल रहा महायज्ञ 4 जून तक चलेगा। रोजाना दोपहर 2 से शाम 6 बजे तक हवन होगा। इससे पहले श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के साधु संतों की अगुवाई में कलश यात्रा निकाली गई। मोक्ष दायनी माँ शिप्रा का जल कलश में भरकर महायज्ञ स्थल दातार आश्रम नृसिंह घाट मार्ग पर लाया गया। मुख्य संरक्षक श्री महंत हरि गिरि जी महाराज, जूना अखाड़ा वरिष्ठ सभापति श्री महंत प्रेमगिरी जी महाराज, सभापति श्री महंत मोहन भारती महाराज, गुजरात से आये जगतगुरु वीर भद्रानंद गिरी महाराज, अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री महंत नारायण गिरी जी महाराज, श्री महंत रामेश्वर गिरी महाराज, श्री महंत आनंदपुरी महाराज, श्री महंत शैलेंद्र गिरी जी महाराज मौजूद रहे।
जूना अखाड़ा द्वारा 11 दिवसीय पांच कुंडीय महायज्ञ आयोजित किया गया जिसमें ख़ास तौर पर आने वाले सिंहस्थ कुम्भ 2028 के निर्विघ्न सम्पन्न होने की कामना की गई। है। शिप्रा नदी पर कानपुर से आये आचार्य प्रमोद तिवारी जी के आचार्यतत्व मे कलश पूजन आदि विधान किया गया।
