Ujjain news: सील टायर फैक्टरी बिना अनुमति फिर चालू हुई ,प्रदूषण से ग्रामीण बीमार व पशुओं की हो रही मौत, जिम्मेदार अधिकारी कुंभकर्णी नींद में सोए।

सील टायर फैक्टरी बिना अनुमति फिर चालू हुई ,प्रदूषण से ग्रामीण बीमार व पशुओं की हो रही मौत, जिम्मेदार अधिकारी कुंभकर्णी नींद में सोए।

घट्टिया/उज्जैन (मयंक गुर्जर)। जिले के घट्टिया तहसील में चार अवैध टायर पायरोलिसिस फैक्टरी को पूर्व कलेक्टर नीरज कुमार सिंह के आदेश पर SDM घट्टिया राजाराम करजरे के निर्देश पर नायाब तहसीलदार की टीम ने दिनांक 3/07/2024 को कार्यवाही करते हुए सील किया गया था । लेकिन तहसील के ग्राम केसरपुर स्थित सहारा टायर फैक्टरी के मालिक के हौसले इतने बुलंद है कि कलेक्टर व एसडीएम की कार्यवाही को आईना बताते हुए बिना परमिशन फैक्टरी की सील तोड़कर वापस कार्य शुरू कर दिया । इसकी भनक हल्का पटवारी गोविंद सिसोदिया व जिम्मेदारो को भी नहीं है। संचालक बेधड़क सारे नियमो को ताक पर रखकर अधिकारियों धत्ता बताते हुए फैक्टरी का संचालन कर रहा।

फैक्टरी में टायर जलाने से हो रहे प्रदूषण से आसपास के 4-5 गांव के ग्रामीण परेशान है । जिससे उन्हें टीबी जैसी घातक व अन्य बीमारी का शिकार होना पड़ रहा है । साथ ही पशुओ की भी मौत हो रही है। किसान कमलसिंह ने बताया कि बीमारी फेल रही है व आसपास की जमीन की फसल भी खराब हो रही है ।वही किसानों ने बताया कि हमने फैक्टरी की शिकायत कई बार अधिकारियो को की लेकिन कोई सुनने को तैयार नही है ।

प्रदूषण से परेशान होकर ग्रामीण एक बार फिर नवागत कलेक्टर रोशन कुमार सिंह के पास अपनी शिकायत लेकर पहुँचे । संवेदनशील कलेक्टर ने कार्यवाही की बात कही है ।

प्रदूषण विभाग व विघुत विभाग की भूमिका शंका के घेरे में ।

फैक्ट्री के प्रदूषण से परेशान होकर पीड़ितों ने फैक्ट्री की सील होने की जानकारी मध्य प्रदेश प्रदूषण बोर्ड उज्जैन के अधिकारी से पत्र के माध्यम से मांगी थी जिसमें अधिकारी द्वारा कहा गया कि फैक्ट्री के संबंध में कोई परमिशन व रिकॉर्ड यहां उपलब्ध नहीं है व निरंक है । वही सीएम हेल्पलाइन पर प्रदूषण विभाग ने बताया कि 28/5/2024 को पत्र क्रमांक 587 के माध्यम से उघोग की प्रकिया को बंद करने के निर्देश दिए गए थे ।जिसके अनुपालन में अधीक्षण यंत्री मप्र पश्चिम क्षेत्र विघुत वितरण कम्पनी उज्जैन द्वारा पत्र क्रमांक 197 दिनांक 28/06 /२024 के द्वारा सहारा टायर फैक्टरी व नसीम ट्रेडर्स का विघुत कनेक्शन विच्छेद(काटा ) किया गया था। जिसके बाद नायाब तहसीलदार प्राची चौबे व राजेश चौहान द्वारा ग्रामीणो की मौजूदगी में 3/07/2024 को फैक्टरी को सील कर दिया गया था । वापस फैक्टरी चालू हो गई विघुत भी सप्लाई हो रही व कार्य भी तेजी से चल रहा है । माल लाते ले जाते ट्रक भी दिखाई दे रहे है। व जिससे प्रदूषण भी तेजी हो रहा है। यदि विघुत विभाग द्वारा कनेक्शन काटा गया था तो बिजली चोरी हो रही है । जिसकी जानकारी विघुत विभाग के जिम्मेदार को क्यो नहीं है ? विघुत विभाग के सहायक यंत्री मानसिंह कटारिया का  कार्यालय फैक्टरी से 1KM की दूरी पर है । या भ्रष्टाचार के आड़ में मिली जुली कहानी है। प्रदूषण विभाग के एच के तिवारी प्रदूषण क्यो नही रोक पा रहे ,आखिर माजरा क्या है?
विद्युत विभाग द्वारा घरेलू उपभोक्ताओं द्वारा बिजली का बिल नहीं बनने पर कार्रवाई की जाती है व उनके घरेलू सामान को जब्त किया जाता है। लेकिन यहां खुलेआम बिजली चोरी हो रही है इससे अनजान बने हुए है। साथ ही फैक्टरी संचालक को उघोग संचालन की ग्राम पंचायत से भी अनुमति प्राप्त नही है ।

 

वही ग्रामीणों ने कार्रवाई नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है, देखना यह होगा की कुंभकरणीय नींद में सोए अधिकारी जागकर ग्रामीणों को समस्या से छुटकारा दिलाते हैं या ऐसे ही बेधड़क नियम विरुद्ध फैक्ट्री चलती रहेगी।

पूरे मामले में एसडीएम घट्टिया राजाराम करजरे से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मुझे भी शिकायत मिली है वह आपके द्वारा भी मामला संज्ञान में आया है , फैक्ट्री की सील खोलने की परमिशन मेरे द्वारा नहीं दी गई ,फिर सील कैसे खुली मैं दिखवाता हूँ।

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