प्रतिबंध क़े बावजूद खेतो मे नरवाई जलाना कृषक को पड़ा महंगा,तहसीलदार ने पंचनामा बनवाकर करवाया प्रकरण दर्ज।
तराना (अर्पित बोड़ाना)।जैसे ही गर्मी ने रौद्र रूप दिखाना शुरू किया, आग लगने की घटनाएं अचानक बढ़ गई हैं। एक महीने में कई हेक्टेयर से ज्यादा खेत जल गए। इनमें कही फसल भी शामिल है। कई बार इस आग ने मवेशियों का चारा खेतों में नष्ट कर दिया है। इसके बाद भी खेतों में नरवाई जलाने वालों पर कार्रवाई नहीं हुई।
जिले में वैसे तो हर साल आग की घटनाएं होती हैं। इसमें कहीं शॉर्ट-सर्किट तो कहीं अज्ञात कारणों के चलते आग लगती है वही बीते दिनों तराना विधानसभा क्षेत्र के गांवों में एक माह के दौरान ऐसी करीब 8-10 घटनाएं सामने आईं जिनमें खेतों में आग लगी है। इसमें लगभग कही हेक्टेयर खड़ी नरवाई खेतों में जलाकर कर नष्ट कर दी गई। किसान हार्वेस्टिंग से कटाई के बाद फसल के डंठल को जलाने के लिए आग लगाते हैं और फिर वही आग तेज हवा में कई बार विकराल रूप धारण कर लेती है वही ताज़ा मामला तराना कानीपुरा मार्ग पर देखने को मिला जहाँ सालाखेड़ी मोड़ क़े समीप ब्रजू बल्दवा बागली वाला नामक युवक का खेत हैं जहाँ उसके द्वारा अपने खेत मे नरवाई जलाने क़े लिए आग लगा दी गई जिससे हवा का रुख उस और नहीं था नहीं तो आग भयंकर रूप ले लेती जंगल क़े जंगल साफ कर देती वही जिसकी जानकारी जागरूक किसानो द्वारा तराना एसडीएम राजेश बोरासी को दी गई जिस पर एसडीएम द्वारा तहसीलदार साहब को भेजा गया एवं तहसीलदार द्वारा मोके पर पहुंच पंचनामा बनाकर कारवाही की बात कही
1 घंटे देरी से पहुंची फायर ब्रिगेड,आग की सुचना करने क़े बावजूद तराना नगर परिषद की फायर ब्रिगेड 1 घंटे देरी से पहुंची बड़ा हादसा होते टल गया।
तहसीलदार रामलाल मुनिया द्वारा मीडिया को जानकारी देते बताया गया की ग्राम सालाखेड़ी मे नरवाई जलाने की सुचना प्राप्त हुई थी वही मोके पर पहुंच ब्रजु बल्दवा बागली वाले क़े विरुद्ध पंचनामा बनवाकर एवं पटवारी क़े माध्यम से तराना थाने मे प्रकरण दर्ज करवाया गया।
