उज्जैन(मयंक गुर्जर)।भारत देश आस्था, विश्वास और परंपरा का देश है।यहां कई ऐसी परंपरा है जिसे देख कर व्यक्ति सोचने पर मजबूर हो जाता है। कुछ इसी तरह की परम्परा उज्जैन के घट्टिया तहसील के गोयला बुजुर्ग गांव स्थित गोपेश्वर महादेव में भी देखने को मिली, जिसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे।
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धधकते अंगारों में नंगे पांव चलना तो आसान काम नहीं होता।यह तो बिल्कुल लोगों की सोच से बाहर की बात है, लेकिन उज्जैन के घट्टिया तहसील के गोयला बुजुर्ग गांव में आस्था के नाम पर हिन्दू – मुस्लिम समुदाय के 400 से अधिक लोगो ने 11 फीट के चूल पर धधकते अंगारों में नंगे पांव चले। सरपंच हरिनारायण शर्मा एवं स्थानीय लोगों का मानना है कि अंगारों में नंगे पांव चलने से किसी का पैर नहीं जलता। जिनकी मन्नत पूरी होती है वे अंगारे पर चलते है ऐसे गांव में चूल बोला जाता है। दरअसल उज्जैन जिला मुख्यालय से महज 15 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम गोयला बुजुर्ग में मन्नत पूरी होने पर नंगे पांव धधकते अंगारों में चलने की परंपरा सालों से चली आ रही है। आस्था और परंपरा है कि धड़कते अंगारों में नंगे पांव चलने वाले लोगों के जीवन की दुख और तकलीफ का नाश होता है. सालों से चली आ रही इस परंपरा को देखने दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं।
लोगों का मानना है कि इस परंपरा में न तो अंगारों में चलने वाले व्यक्ति का पैर न जलता है और ना ही कभी कोई दुर्घटना हुई है।स्थानीय लोग बताते है कि पीढ़ी दर पीढ़ी ये परंपरा चली आ रही है और आज भी गोयला बुजुर्ग गांव के लोग इस परंपरा को निभाते आ रहे है। बहरहाल इस तरह की परंपरा देश में बहुत कम ही देखने को मिलती है।
गांव से किया जाता घी एकत्रित ।
मान्यता है कि चूल पर आग पर डालने के लिए पूरे गांव से एकत्रित किया जाता है । जिससे कि आग हल्की होने पर नीम के पत्तो से आग को तेज करने के लिए उस पर घी डाला जाता है । जिसके बाद मन्नतधारी धधकते अंगारों पर से होकर निकलता है। गोपेश्वर महादेव के दर्शन करता है ।
5 क्विंटल से अधिक फूलों से गोपेश्वर महादेव का आकर्षक श्रृंगार किया गया।जिसमे कुंदन पांचाल व कमल चौधरी का विशेष योगदान रहा ।
दो मुस्लिम युवक भी मन्नतपूरी होने पर परम्परा में शामिल हुए।
गांव का वर्ग का युवक शाहरुख शादी न होने पर मन्नत मांगी थी ,शादी होने के बाद परम्परा में शामिल हुआ व सादिक के यह संतान न होने पर मन्नत मांगी थी व मन्नत पूरी होने पर वह भी धधकते अंगारे पर चला।
इस दृश्य को देखने के लिए बड़ी संख्या में आसपास के गांव के ग्रामीण भी शामिल होते है । जिनकी पेयजल ,टेंट ,साउंड व प्रसादी का इंतजाम ग्राम पंचायत गोयला के सरपँच हरिनारायण शर्मा द्वारा की गई ।
पूरी व्यवस्था को बनाने में नटवरलाल जोशी,मयाराम चोधरी, नवल चोधरी, रायसिंह चौधरी( उपसरपंच), गोकुल चौधरी, हिमांशु चौधरी, संदीप जोशी,दशरथ उपाध्याय, शिवनारायण पांचाल, जुझार चौधरी, आकाश बैरागी, ऋषभ जोशी, मोहन पटेल, गरवर पटेल,दिलीप रावल,नितिन रावल,उमेश चौधरी, सुभाष जोशी,तुषार जोशी व ग्रामवासियों के विशेष योगदान रहा।
