उज्जैन(मयंक गुर्जर)। म.प्र.उच्च न्यायालय ने शिक्षा विभाग को दिए निर्देश दिए कि सहायक शिक्षिका श्रीमती कुसुम मथानिया की सेवानिवृत्ति के समय काटी गई दोनों वेतन वृद्धियों की राशि एक महीने में ब्याज सहित वापस लौटाई जावे।सहायक शिक्षिका श्रीमती कुसुम मथानिया प्रा.वि.घिनोदा खाचरोद के द्वारा सन 2019 में उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर में अधिवक्ता नितेंद्र बाजपेई के माध्यम से गुहार लगाई थी कि सन् 2008 में जिला शिक्षा अधिकारी उज्जैन द्वारा सन 2007 के अपने ही आदेश को पलटते हुए रोकी गई।
असंचय प्रभाव से दोनों वेतन वृद्धियों को वापस बहाल किया गया था किंतु आठ साल बाद सन् 2016 में सहायक शिक्षिका की सेवानिवृत्ति के समय संयुक्त संचालक लोक शिक्षण उज्जैन संभाग द्वारा मामले में नियम विरुद्ध पुनरीक्षण करते हुए सन् 2008 में बहाल की गई दोनों वेतन वृद्धियों की राशि पेंशन प्रकरण से काट ली गई थीं । इस पर याचिका क्र.9587/19 में दिनांक 22 नवंबर 2024 को जारी उच्च न्यायालय के इस निर्णय पर सहायक शिक्षिका ने कहा कि उन्हें न्यायालय में विश्वास हैं तभी तो उनके द्वारा न्यायालय की शरण ली गई थी जिसमें माननीय उच्च न्यायालय द्वारा शिक्षा विभाग को काटी गई राशि निर्णय दिनांक से मुझे एक माह के भीतर मय ब्याज के वापस लोटाने के निर्देश जारी हुए हैं।