किसानों ने अपनी ज्वलंत समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को सौंपा ज्ञापन।
सरकार द्वारा मांगे नहीं माने जाने पर उग्र
आंदोलन व प्रदर्शन करने की दी चेतावनी।
दीपांशु जैन। घट्टिया/उज्जैन।घट्टिया तहसील मुख्यालय पर भारतीय किसान संघ के सैंकड़ों सदस्यों द्वारा तहसील कार्यालय में धरना देकर रैली निकालकर अपनी ज्वलंत समस्याओं के समाधान को लेकर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के नाम एसडीएम धीरेंद्र पाराशर को ज्ञापन सौंपा,देखे वीडियो।https://youtu.be/BuOIDczZ-fY?si=Www9M1i9sZrn0QqW
हांलाकि ज्ञापन के समय कोई भी जिम्मेदार अधिकारी मौजूद नहीं रहा। जबकि एसडीएम धीरेंद्र पाराशर ने आवश्यक रूप से आम नागरिकों की समस्याओं को सुनने के लिए मोतीलाल कटारा को नियुक्त किया है। लेकिन वह भी ज्ञापन के समय मौजूद नहीं रहे। जिस पर किसान संघ सदस्यों ने अपना ज्ञापन कानूनगो ऑफिस के रिडर को सौंपा। किसानों ने ज्ञापन के माध्यम से मांग करते हुए बताया कि किसानों को गेहूं पर बोनस दिया जाए, क्योंकि मध्यप्रदेश का गेहूं उच्च क्वालिटी का एवं प्रोटीन युक्त रहता है, प्रदेश में तिलहन मिशन लागू किया जाए, किसानों को सम्मान निधि के स्थान पर प्रति हेक्टेयर 20 हजार रुपए फसल लागत उत्पादन अनुदान दिया जाए, सन 2017 में हुए किसान आंदोलन में अनेक निर्दोष किसानों को फंसाकर मुकदमा कायम है, जिस पर उन किसानों पर हुए मुकदमों को वापस लिया जाए, वर्षा की कमी से सोयाबीन एवं अन्य फसलों को हुए नुकसानी को लेकर उनकी जांच कर सर्व करवाकर किसानों को राहत राशि प्रदान की जाए, कृषि संबंधित विषयों को लेकर विधानसभा का विशेष सत्र एक सप्ताह के लिए चलाया जाए, जैविक प्रमाणीकरण के लिए कृषि विज्ञान केंद्र को अधिकार दिया जाए, कर्ज माफी योजना में सभी डिफाल्टर किसानों का ब्याज माफ किया जाए, केसीसी कर्ज में किसानों पर दंड ब्याज नहीं लगाया जाए, कर्ज के कारण किसान की मृत्यु होने पर उसका कर्जा समाप्त किया जाए, फसल के बीजों में लूटमारी नहीं हो ऐसे भावों को सुनिश्चित किया जाए, ट्रैक्टर को बैलगाड़ी का दर्जा दिया जाए, फसल बीमा को खेत इकाई किया जाए, गायों और जंगली पशुओं की व्यवस्थाओं को सुनिश्चित किया जाए, फसल नुकसान होने पर एक माह के अंदर राहत राशि प्रदान की जाए, विद्युत विभाग से संबंधित स्थाई कनेक्शन लेने पर किसानों के आवेदन पर कनेक्शन स्थाई किए जाएं, सभी कनेक्शनों के लोड के हिसाब से ट्रांसफार्मर की क्षमता भी बढ़ाई जाए, सिंचाई हेतु दिन में 12 घंटे और रात्रि में चार घंटे बिजली दी जाए, सिंचाई के बकाया बिलों पर जितने दिनों बाद भरे उतने ही दिनों का दंड लगाया जाए, जले हुए ट्रांसफार्मरों को बदलने में बकाया बिलों का नियम हटाया जाए जिससे ईमानदार किसानों का भी नुकसान होता है, मुख्यमंत्री किसान ट्रांसफार्मर अनुदान योजना शीघ्र लागू की जाए, कृषि कार्य के लिए सौर ऊर्जा कनेक्शन 90% अनुदान के साथ होना चालू किया जाए सहित अन्य प्रमुख मांगे सम्मिलित है।