10 माह पुराने आदेश का अमल कराने पहुंचे तहसीलदार साहब ने स्टे वाली भूमि से निकलवाई फसल।
तहसीलदार साहब बोले पत्रकारों पर करेंगे मानहानि।
तराना/उज्जैन।
अर्पित बोड़ाना।इन दिनों अफसरशाही आम जनों के साथ पत्रकारों पर भी भारी पड़ रही है यही मामला तराना के नलेश्री में देखने को मिला जहा न्यायालय के स्थगन के बाद भी तहसीलदार ने कृषक के कृषि भूमि से ट्रेक्टर निकाला गया कृषक जाकिर खा ने जानकारी देते हुए बताया की 28,11,2022 को नायब तहसीलदार की कोर्ट से कृषि कार्य हेतु जाने हेतु अंतरिम आदेश किया था आदेश के 10 माह बाद तत्कालीन नायब तहसीलदार ने न्यायालय के स्थगन के बाद भी मार्ग को खोला गया कृषक जाकिर ने बताया की संबंधित प्रतिवादी की भूमि में जाने का रास्ता खाल और शासकीय भूमि से था पर अनर्गल तरीके से बिना साक्ष्य के आवेदन प्रस्तुत करवा लिया और कृषक जाकिर के बयान जवाब के बिना ही नायब तहसीलदार ने 18,11,2022 की आगामी पेशी दिनांक 19,12,2022 की पेशी के एक दिन पूर्व 18 ,12,2022 को ही अंतरिम आदेश कर दिया अंतरिम आदेश को स्थगित करने हेतु कृषक जाकिर ने अधिवक्ता के साथ आवेदन देकर अंतरिम आदेश निरस्त करने की अपील को जिस पर नायब तहसीलदार ने आदेश स्थगित कर दिया।
अधिवक्ता बोले माननीय न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन
मामले में कृषक जाकिर के अधिवक्ता ने बताया की 10 माह पूर्व नायब तहसीलदार ने आदेश किया था कृषक जाकिर को अपील के बाद अंतरिम आदेश को स्थगित कर दिया था पर 10 माह बाद अंतरिम आदेश का पालन न्याय हित में नहीं था माननीय न्यायालय के आदेश के बाद भी प्रतिवादी कृषक जाकिर की विवादित भूमि में ट्रेक्टर लेकर निकले अधिवक्ता के अनुसार स्टे वाली भूमि से छेड छाड़ करना कोर्ट ऑफ कंटेप्ट में आता है , सूत्रों की माने तो ग्राम के पटवारी की ड्यूटी निर्वाचन में थी पर अधिकारी जी के दबाव में ग्राम में रास्ता खुलवाने जाना पड़ा।
“इनका कहना”
आदेश पूर्व में हो चुका था किसान को फसल खेत में थी निकालने के लिए रास्ता खुलवाया स्टे वाली भूमि पर मेने जेसीबी नही चलवाई और जो झूठी खबरों को लगाएगा उन पर मानहानि का दावा करूंगा पटवारी की निर्वाचन में ड्यूटी नही थी।
गोवर्धन राजोरिया (नायब तहसीलदार टप्पा कायथा)