भारत देश आस्था, विश्वास और परंपरा का देश है. यहां कई ऐसी परंपरा है जिसे देख कर व्यक्ति सोचने पर मजबूर हो जाता है. कुछ इसी तरह की परम्परा उज्जैन के घट्टिया तहसील के गोयला बुजुर्ग गांव स्थित गोपेश्वर महादेव में भी देखने को मिली, जिसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे।
धधकते अंगारों में नंगे पांव चलना को आसान काम नहीं होता. यह तो बिल्कुल लोगों की सोच से बाहर की बात है, लेकिन उज्जैन के घट्टिया तहसील के गोयला बुजुर्ग गांव में आस्था के नाम पर लोग अंगारों में नंगे पांव चलते है। सरपंच हरिनारायण शर्मा एवं स्थानीय लोगों का मानना है कि अंगारों में नंगे पांव चलने से किसी का पैर नहीं जलता। जिनकी मन्नत पूरी होती है वे अंगारे पर चलते है ऐसे गांव में चूल बोला जाता है। दरअसल उज्जैन जिला मुख्यालय से महज 15 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम गोयला बुजुर्ग में मन्नत पूरी होने पर नंगे पांव धधकते अंगारों में चलने की परंपरा सालों से चली आ रही है। आस्था और परंपरा है कि धड़कते अंगारों में नंगे पांव चलने वाले लोगों के जीवन की दुख और तकलीफ का नाश होता है. सालों से चली आ रही इस परंपरा को देखने दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं।
लोगों का मानना है कि इस परंपरा में न तो अंगारों में चलने वाले व्यक्ति का पैर न जलता है और ना ही कभी कोई दुर्घटना हुई है. स्थानीय लोग बताते है कि पीढ़ी दर पीढ़ी ये परंपरा चली आ रही है और आज भी गोयला बुजुर्ग गांव के लोग इस परंपरा को निभाते आ रहे है. बहरहाल इस तरह की परंपरा देश में बहुत कम ही देखने को मिलती है।
