शक्ति का संचयन एक दिवस का कार्य नही है, यह तो प्रतिदिन की साधना का परिणाम है।
उन्हेल(दीपक पोरवाल) | राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का बाल पथ संचलन रवि वार सायं 4:30 बजे एम बी गार्डन नीम चौक से निकला, संचलन पुरानी सब्जी मंडी , कस्बा मंदिर ,कार्तिक चौक , कचहरी दरवाजा, मुखर्जी चौक होता हुआ पुन: एम बी गार्डन पहुंचा। संचलन का नगर में विभिन्न स्थानों पर फूल बरसाकर स्वागत किया गया । संचलन के पहले खंड शारीरिक प्रमुख वीरेंद्र जी डोडिया ने शस्त्र पूजन किया। अपने वक्तव्य में श्री डोडिया ने संघ की स्थापना व विजयादशमी उत्सव के महत्व को बताया, नवरात्रि शक्ति की उपासना का पर्व है, जगदंबा की सतत आराधना छत्रपति शिवाजी ने बाल्यकाल से प्रारंभ की माता जीजाबाई उन्हें वीरो की गाथाएं सुनाती अन्याय अत्याचार के विरुद्ध प्रतिकार की प्रेरणाए देती थी, यही संस्कार हमे गुरुगोविंद सिंह जी के पुत्रो मे दिखाई देते है । दो पुत्र युद्ध मे कोहराम मचा देते हे तो दो पुत्र दीवार मे चुनवाने पर भी धर्मपरिवर्तन नहीं करते अपूर्व बलिदान देते है । शक्ति का संचयन एक दिवस का कार्य नही है, यह तो प्रतिदिन की साधना का परिणाम है।