तराना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तराना में आमजन की सेवा के लिए नियुक्त हुए डॉक्टर बने हैवान।

तराना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तराना में आमजन की सेवा के लिए नियुक्त हुए डॉक्टर बने हैवान।

मरीजों एवं परिजनों से अभ्रद भाषा का प्रयोग कर दे रहे धमकी।

तराना/ उज्जैन।

अर्पित बोड़ाना। प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान मंचो के माध्यम से अच्छी स्वावस्थ व्यवस्था को लेकर बड़े बड़े दावे करते है लेकिन तराना स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी योजनाओ को पलीता लगाने में अपनी कोई कशर नही छोड़ रहे है जी ये जुमला नही हकीकत बया करती हुई तस्वीर पीड़ित की जुबानी है जहां 14 सितंबर की शाम 7 बजे तराना कानीपुरा मार्ग पर सड़क बाइक सवार की दुर्घटना हो गई जिसमें राजेश पिता करण गुर्जर को गंभीर चोट आई, साथ ही एक महिला और बच्ची को चोट आई दुर्घटना होने और उपचार हेतु सिविल हॉस्पिटल तराना लेकर पहुंचे थे ।वहां ड्यूटी डॉक्टर अनिल चंदेल हॉस्पिटल से नदारद थे वही अपने रूम पर आराम फरमा रहे थे परिजनों द्वारा डॉक्टर को बुलाने पहुँचे डॉक्टर के देरी से पहुचने पर परिजन की कहासुनी हो गई डॉक्टर द्वारा मरीज का इलाज न करते हुए अभ्रद भाषा का प्रयोग करते हुए गली देने लगें एवं शासकीय कार्य मे बाधा का झूठा मुकदमा दर्ज कराने की धमकी देने लगें साथ ही परिजन के साथ आए जनपद सदस्य करण चाँदना के द्वारा डॉक्टर से प्रश्न किया गया तो भड़क गए एवं अपशब्दों का प्रयोग करते हुए तेरे जैसे कई नेता मेरे आगे पीछे घूमते है जो तुझसे बने कर लेना मेरा कोई कुछ नही बिगाड़ सकता

तहसील मुख्यालय का अस्पताल भगवान भरोसे।

214 गांव से जुड़ा हुआ तराना नगर का मुख्य सिविल हॉस्पिटल में उपस्थित डॉक्टरों का रवैया तानाशाह रूप ले चुका है जिसके कारण आम नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही है शासकीय कार्य में बाधा का प्रकरण दर्ज करने के लिए अस्पताल प्रबंधक धमकी दे रहे है डॉक्टर रात को ड्यूटी के दौरान अपने क्वार्टर में रहते हैं जिसके कारण आए दिन मरीज और डॉक्टरों के बीच नोक झोक होती है और डॉक्टर शासकीय कार्य में बाधा की धमकी देते हैं आज जन प्रतिनिधियों एवं मीडिया मित्रों की उपस्थिति में उक्त घटना घटित हुई जिसके कारण डॉक्टर अस्पताल प्रबंधक बौखला गया उक्त घटनाक्रम के दौरान बीएमओ मौके से नदारद थे मरीज के परिजन ने स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ जमकर नारे बाजी की गई घटना की जानकारी लगते ही तहसीलदार मुकेश सोनी एवं थानां प्रभारी रमेशचंद्र कलथिया द्वारा परिजनों को समझाइश देकर मामला शांत करवाया एवं मरीज का प्राथमिक उपचार कर जिला चिकित्सालय रेफर किया गया

खैर अब देखना होगा कुभकर्णी नींद सोए हुए स्वावस्थ विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ऐसे तानाशाह डॉक्टरों पर क्या कारवाही कर व्यवस्था में सुधार लाते है या नही देखने वाली बात होगी।

इनका कहना:-

  • पहले मरीज के साथ आए परिजनों द्वारा डॉक्टर से गाली गलौच की गई खैर यह जांच का विषय है दिखवाते है–एसडीएम राजेश बौरासी
  • मामला मेरे संज्ञान में है मेरे द्वारा बीएमओ को डॉक्टर ड्यूटी रूम की व्यवस्था करने एवं व्यवस्थाओं में सुधार करने के लिए निर्देशित किया गया है —डॉ दीपक पिप्पल मुख्य चिकित्सा अधिकारी उज्जैन।

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