उज्जैन से अयोध्या तक पैदल यात्रा कर रामलला के दर्शन करके उज्जैन लोटा युवक, शहरवासियों ने किया भव्य स्वागत….

उज्जैन। उज्जैन की इंदिरा नगर कॉलोनी निवासी राजवर्धन सिंह सिसोदिया पिता जितेंद्र सिंह सिसोदिया उज्जैन से अयोध्या पैदल यात्रा करने के उपरांत आज उज्जैन पहुंचा। जहां पर शहर वासियों ने भव्य स्वागत किया। कहा जाता है की दृढ़ निश्चय हो तो व्यक्ति जीवन में कुछ भी कर सकता है। एसी ही मिसाल राजवर्धन ने पेश की। राजवर्धन ने बताया कि हमारे पूर्वजों ने रामलला के मंदिर के लिए बहुत बलिदान किया तब यह दिन आया। मेरी बहुत इच्छा थी कि मैं रामलाल के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में सम्मिलित होकर इस पल का साक्षी बनूँ। इसी को लेकर मैंने 12 दिसंबर मंगलवार को विचार किया एवं 13 दिसंबर बुधवार को बाबा महाकाल राजा का आशीर्वाद लेकर अयोध्या के लिए यात्रा आरंभ कर दी। यात्रा आरंभ करते ही मुझे अज्ञात मुस्लिम व्यक्ति मिले जिन्होंने ₹500 देकर कहा कि रामलला के मंदिर में मेरी तरफ से भेंट कर देना। मैंने प्रतिदिन करीब 30 किलोमीटर की यात्रा की। रास्ते में भगवान राम की कृपा से सभी लोगों ने बहुत सहयोग किया। यात्रा के दौरान में आश्रम में रुकता एवं वहीं भोजन प्रसादी करता। जैसे भगवान राम को वनवास के दौरान केवट मदद की थी ऐसे ही मुझे गुना में केवट समाज के व्यक्ति मिले जिन्होंने मेरा बहुत सम्मान किया एवं भोजन करवाया। इसके अलावा उरई में भागवत कथा के दौरान करीब 1500 से 2000 लोगों के बीच मेरा स्वागत किया गया। यात्रा के दौरान झांसी में मैंने पाया कि किसी अज्ञात वाहन ने गौ माता को टक्कर मार दी है जिससे वह पूरी तरह से घायल हो गई है। जब मैने झांसी कलेक्टर को सूचित किया, उन्होंने तुरंत 10 मिनट में वहां पर डॉक्टर की टीम भेजी एवं गौ माता का इलाज करवाया।आगे बढ़ने पर जगह-जगह उत्तर प्रदेश पुलिस ने पूरा सहयोग किया एवं मार्गदर्शन किया। 10 जनवरी को मैं अयोध्या पहुंच गया 22 जनवरी को रामलाल की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होने के पश्चात मैंने 23 जनवरी को भगवान के दर्शन करने के उपरांत आज मैं उज्जैन लौट आया। यहां पर शहरवासियों द्वारा भव्य स्वागत किया।

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